केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में "राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य " विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गयायह करोना काल से 516 वाँ वेबिनार था

मुख्य वक्ता आचार्या श्रुति सेतिया ने कहा कि राष्ट्र एक ऐसा शब्द है जिसमें एक नागरिक का संपूर्ण अस्तित्व समाहित होता है।व्यक्ति सर्वप्रथम,सामाजिक व पारिवारिक प्राणी न होकर एक राष्ट्रीय नागरिक होता है।उसका पहला कर्त्तव्य अपने राष्ट्र धर्म का पालन सर्वप्रथम करना चाहिए।भारत भूमि विश्व की सर्वप्रथम, मानव इतिहास की जननी,यह भूमि मानवता को पूर्ण रूप से चरितार्थ करती है।एक शिक्षक के दृष्टिकोण से हमारा प्रथम कर्त्तव्य योग्य बालकों का निर्माण करना है,क्योंकि एक राष्ट्र का भविष्य उसके ही छात्र होते हैं।अतः हम छात्रों को प्रारंभ से ही उचित शिक्षा के साथ सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास करते हुए नागरिक कर्तव्यों का बोध कराते हैं तो किसी भी बाहरी ताक़त की हिम्मत हमारे राष्ट्र पर ग़लत निगाह डालने की नहीं होगी।

एक नागरिक के नाते हमारा कर्त्तव्य देश की एकता की भावना को बरकरार रखना है,जिसके द्वारा हम प्रगति के साथ साथ मानव जाति को भी एक बराबर का दर्जा प्रदान कर सकें।हमारा कर्तव्य राष्ट्र को भाषिये स्तर पर एक रूप में प्रस्तुत करना होना चाहिये।भारत विविधता में एकता का राष्ट्र है।अतः हम सभी को सभी भाषा के लोगों को बराबर सम्मान करना चाहिए।यदि हम अपने अपने कर्तव्यों का पालन निष्ठापूर्ण राष्ट्रहित में करें तो स्वतः ही अधिकार मिल जाते हैं।

किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताक़त उसके नागरिक होते हैं।अतः हम सभी को मिलकर राष्ट्रीय अभियानों मतदान का प्रयोग शासन द्वारा संविधान द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन  शिक्षा का प्रचार प्रसार,गरीबों की मदद,देश के वीर सैनिकों का सम्मान, महापुरुषों का सम्मान,राष्ट्रीय दिवसों को भी एक परिवारिक त्योहार के रूप में मनाना, असामाजिक तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करना।सामाजिक व राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना आदि अनेकों ऐसे कर्त्तव्य व उत्तरदायित्व हैं जिनको यदि हम निष्ठापूर्ण करते हैं तो नि:संदेह हम भारतीय सभ्यता का उस स्वर्णिम काल को वापस प्राप्त कर सकते हैं जो कभी हमारा स्वर्णिम इतिहास बनकर सम्पूर्ण विश्व में अपना प्रकाश फैला रहा है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि राष्ट्र ईट पत्थरों का नाम नहीं अपितु राष्ट्र के लिए समर्पित संस्कार वान लोगों का नाम है।
 
मुख्य अतिथि शिक्षाविद सोनल मेहरा व शशि चोपड़ा (कानपुर) ने भी राष्ट्र समर्पण की बात कही।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि सुसंस्कारित युवा पीढ़ी ही राष्ट्र की धरोहर है,इसलिए युवाओं को ईश्वर भक्त,देश भक्त,मातृपितृ भक्त बनाने के लिए ग्रीष्म ऋतु में चरित्र निर्माण शिविरों के माध्यम से एवं आर्ष गुरुकुलों के माध्यम से सुसंस्कारित करना होगा।उन्होंने ऑनलाइन उपस्थित श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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