दुकान का किराया नहीं दे पा रहे, खर्च उठाना भी हो रहा मुश्किल।
— Sunday, 13th June 2021गाज़ियाबाद। कोरोना के संक्रमण से न सिर्फ सराफा कारोबार प्रभावित हुआ है, बल्कि कारोबार से जुड़े कई शिल्पकार बेरोजगार हो गए हैं। अगर किसी ने दो महीने से दुकान, मकान का किराया नहीं दिया है तो किसी के सामने बच्चों की फीस भरने का संकट है. महाराष्ट्र, बंगाल और मथुरा जिलों में काम करने वाले आभूषण कारीगर कोरोना में कर्फ्यू से पहले घर लौट चुके हैं। आलम यह है कि जिन कारीगरों की वर्कशॉप में काम होता था, वे अब बाजार में जाकर उन्हें ढूंढ़ते हैं।
गाजियाबाद सर्राफा संघ के मुताबिक कोरोना में सर्राफा बाजार को 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है. लगातार दूसरे साल अक्षय तृतीया और शादियों के सीजन में खामियाजा भुगतना पड़ा। बाजार की सुस्ती का असर कारीगरों पर पड़ा है और कई कारीगर काम की तलाश में सर्राफा की दुकानों में घूम रहे हैं. महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान और मथुरा से सोने और चांदी के कारीगर जिले में काम करने आते हैं। लगभग दो हजार पांच सौ तीन हजार कारीगर सोने और चांदी के गहनों के निर्माण, ढलाई, पॉलिश और अन्य कार्यों में लगे हुए हैं। एक शिल्पकार सामान्य दिनों में तीन से चार हजार रुपये प्रतिदिन का काम करता था। सुबह से रात तक आभूषण तैयार करने का सिलसिला चलता रहा। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि अनलॉक के बाद भी बाजार नहीं चल रहा है।