दबंगों ने जीडीए व प्रशासन के अधिकारियों की कार्रवाई को दिखाया ठेंगा।
— Friday, 10th February 2023ग़ाज़ियाबाद। जीडीए प्रवर्तन जोन 5 तिगड़ी गोल चक्कर के पास ग्रीन बेल्ट की भूमि पर लागभग 1 महीने से अवैध पक्का निर्माण भूमाफियों द्वारा किया जा रहा था जिस की शिकायत जीडीए व प्रशाशन को स्थानीय लोगो व पत्रकारों द्वारा दी जा रही थी।
8 फरवरी दिन बुधवार को जिलाधिकारी एवं जीडीए वीसी राकेश कुमार सिंह के सख्त निर्देश के बाद एसडीएम सदर और जीडीए तहसीलदार, प्रशासन, और जीडीए की टीम द्वारा सरकारी, जीडीए की जमीन पर भूमाफियों द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था।
लेकिन दबंग भू माफियाओं ने जीडीए अधिकारियों की कार्रवाई को ताक पर रखकर एक दिन बाद ही फिर से निर्माण ,व कब्जा करना शुरू कर दिया।
जमीन माफियाओं की दादागिरी से साबित होता है कि हो न हो उन्हें किसी सरकारी अधिकारी या किसी ऐसे लोगों का संरक्षण है जो पर्दे के पीछे से साथ दे रहे हैं।सवाल है जब जीडीए ने अवैध कब्जा हटाया उसके बाद वहां सरकारी भूमि का बोर्ड
क्यों नहीं लगाया।
लेकिन अधिकारियों ने लगता शिकायत के बाद केवल खाना पूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
कौन सा ऐसा जिले में अधिकारी है जो सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों और इन को संरक्षण देने वाले के खिलाफ कठोर करवाई करेगा।
आपको बताते है कि जीडीए चीफ इंजीनियर कहते हैं ।
मेरे पास लिखित में कुछ नही है कि ये जमीन किस की है
ये मेरा काम नहीं है।
जीडीए तहसीलदार कहते हैं मैंने लिखित में जीडीए सचिव को दे दी है।सरकारी जमीन से अवैध निर्माण हटाना या तोड़ना मेरा काम नही है।
मैंने अपनी जांच आख्या जीडीए सचिव को दे दी है।
SDM सदर कहते है ये मेरा काम नही ।
मेरा इन सब अधिकारियों से एक ही सवाल है अगर यह सरकारी, जीडीए की ग्रीन बैल्ट की जमीन नहीं है तो फिर तोड़फोड़ क्यों की।
अगर इन लोगों की जमीन है तो एसडीएम सदर और जीडीए तहसीलदार को इन लोगों के जमीन की रजिस्ट्री (पेपर) चेक करने चाहिए ।
अगर ये सही है तो इनको दुकानें मकान बनाने की अनुमति देनी चाहिए और अगर यह सरकारी जमीन है तो पैमाइश कर कब्जाधारियों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।