
यशोदा मेडिसिटी, इंदिरापुरम में आयोजित हुआ विशेष ऑर्थोपेडिक स्वास्थ्य शिविर
— Sunday, 27th July 2025समय पर रोग की पहचान और मूवमेंट केयर को बढ़ावा देने की इस पहल में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
गाज़ियाबाद, 27 जुलाई 2025: यशोदा मेडिसिटी, इंदिरापुरम ने रविवार, 27 जुलाई को एक मेगा ऑर्थोपेडिक्स शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मरीज शामिल हुए।
*इस शिविर का नेतृत्व यशोदा मेडिसिटी के ऑर्थोपेडिक्स, जॉइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग के निदेशक एवं यूनिट हेड डॉ. ब्रजेश कौशले, और डायरेक्टर, डॉ. अखिल कुलश्रेष्ठ की विशेषज्ञ टीम ने किया। इसका उद्देश्य जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं की समय पर पहचान, दर्द प्रबंधन और मरीजों को फिर से सक्रिय जीवन की ओर ले जाना था।*
शिविर में आए प्रतिभागियों को नि:शुल्क ऑर्थोपेडिक एवं रूमेटोलॉजी परामर्श, बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) जांच, और व्यक्तिगत उपचार सलाह जैसी अनेक सेवाएं प्रदान की गईं। यह शिविर उन मरीजों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हुआ जो वर्षों से पुरानी दर्द की समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन उन्हें अब तक सही निदान या उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाया था। यहां उन्हें विशेषज्ञों से परामर्श और इलाज की स्पष्ट दिशा प्राप्त हुई।
*डॉ. पी.एन. अरोड़ा, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, यशोदा मेडिसिटी* ने कहा, "हम हर व्यक्ति के लिए उन्नत और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस तरह के शिविर हमारी उस व्यापक सोच का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य ऑर्थोपेडिक्स सहित विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञताओं में समय पर रोग की पहचान और रोकथाम को बढ़ावा देना है।"
*डॉ. ब्रजेश कौशले, डायरेक्टर और यूनिट हेड, ऑर्थोपेडिक्स, जॉइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग ने कहा*, "जानकारी की कमी और विशेषज्ञ देखभाल तक सीमित पहुंच के चलते कई मरीज वर्षों तक चुपचाप ऑर्थोपेडिक समस्याओं से जूझते रहते हैं। यह शिविर ऐसे लोगों तक पहुंचने और उन्हें सीधे विशेषज्ञ परामर्श व व्यक्तिगत सलाह देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा, जिससे वे बेहतर स्वास्थ्य की ओर पहला कदम बढ़ा सकें।"
*डॉ. अखिल कुलश्रेष्ठ, ने कहा*, "हमारा प्रयास सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को समय पर सही जानकारी और परामर्श उपलब्ध कराना भी है। यह शिविर इस सोच को ज़मीन पर उतारने का एक उदाहरण है — ताकि लोग जागरूक हों, सवाल पूछें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।"