श्री रघुवर रामलीला में सीता जन्म व ताड़का वध की लीला का हुआ मंचन

श्री रघुवर रामलीला समिति ठाकुरद्वारा बागपत में सीता जन्म व ताड़का वध की लीला का मंचन हुआ। संजय रुहेला ने बताया कि आज की रामलीला में जनकपुरी में अकाल सुखा होने पर जनकपुरी वासी राजा जनक के दरबार में पहुंचे और अपनी आप बीती बताई। राज गुरुओं के कहने पर राजा जनक परजा के साथ खेतो में हल चलाते है। हल बार-बार एक जगह आ कर रुक जाता है। वहां खुदाई कराई जाती है तो घड़े में एक कन्या का जन्म होता है, जिसका नाम सीता रखते है। ताड़का वध में सुबाहु मारीच नाम के राक्षस विश्वामित्र को यज्ञ में विध्न डालकर उनको प्रताड़ित करते है। गुरु विश्वामित्र दशरथ से राम लक्ष्मण को मागते है तो वह उनको मना कर देते है, जिससे गुरु विश्वामित्र क्रोधित होकर रूठ कर चल देते है तो ऋषियों के कहने पर दशरथ राम लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं। गुरु विश्वामित्र बाल अवस्था में उनको शस्त्र विद्या में निपुण कर ताड़का वध करते है। ताड़का वध होने पर राम लक्ष्मण सुबाहु का वध करते है। लीला मंचन में अध्यक्ष संजय रुहेला, जोंटी कश्यप, मोंटी चौहान, नंदलाल डोगरा, सतीश राधे, राजपाल चौधरी, बॉबी चौहान, यश गुप्ता, अमित अग्रवाल, राजेश गुलयानी, प्रेम चंद, नरेश गुप्ता सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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