अमर शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव के बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन।

आज इस आंदोलन के दोर में आज हम सभी हमारे देश के सच्चे देशभक्त व हम सभी युवाओं आदर्श  भगत सिंह कि शहादत दिवस पर याद कर रहे है।

जो 23 वर्ष की आयु में फांसी के फंदे पर  देश के लिए हंसते-हंसते कुर्बान हो गए थे ताकि आने वाली पीढ़ियों में यहां हजारों भगत सिंह पैदा हो जो देश को हमेशा कभी गोरे अग्रेजों से तो कभी काले अंग्रजों  से अन्याय, तानाशाही, शोषण , व्यक्ति की आजादी के लिए स्वतंत्र रूप से खड़ा रहे। आज हम गर्व है कि लाखो क्रांतिकारी शहीदों की कुर्बानी के बाद हमने आजादी तो पाई है |  
इस आज़ादी को कायम रखना संविधान के अनुसार देश चलाना जनता की आवाज़ हो सुनना हमारा कर्तव्य है | जो लोगो आज विरोध कर रहे रहे है वह भगत सिंह के वंशज है। जो लोग आज शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं एवं जो  पूंजीवादी निजीकरण व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं  सभी सही मायने में आज के भगत सिंह है|  
जो सरकार उनका दमन कर रही है अंग्रेजों की भूमिका निभा रही है ऐसे माहौल में आज फिर से  क्रांति एवं संघर्ष की जरूरत है | इसी  को ध्यान में रखते हुए एक कार्यक्रम आज की शाम शहीदों के नाम पर रखा गया है"आज भगत सिंह  तुं जिंदा है इन्कलाब के नारे में"|

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