गाजियाबाद की ममता शर्मा का ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में हुआ नाम दर्ज।
— Saturday, 27th February 2021लोनी गाजियाबाद को ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए नामित किया गया। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड उन्हें सामाजिक उद्यमिता के माध्यम से शैक्षिक सुधार, नेशनल- इंटरनेशनल वेबीनार, आर्टिकल्स के माध्यम से जनसाधारण को जागृत करना, सामाजिक सेवक के रूप में अपनी अमिट छाप बनाना, प्रतिभाशाली व्यक्तित्व द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने शैक्षणिक योग्यता चेतना जागृत करने व शिक्षा जनसाधारण को उपलब्ध कराने, सामाजिक उद्यमिता (एजुकेशनल रिफॉर्म्स थ्रू सोशल एंटरप्रेन्योरशिप) के माध्यम से शैक्षिक सुधार, अधिवक्ता, परोपकारी सामाजिक उद्यमी, एजुकेशनिस्ट, स्पीकर, करियर काउंसलर, राइटर, एजुकेटर्स, मेंटर्स, लाइफ कोच, मोटिवेशनल स्पीकर, मल्टी टैलेंटेड पर्सनालिटी, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने आदि सृजनात्मक कार्यों के रूप में उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा ममता शर्मा को सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो, मेडल, मास्क, २ पेन मिले है। ममता शर्मा ने सामाजिक उद्यमिता के माध्यम से शैक्षिक सुधार के नाम से ब्रावो वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा कर अपने देश अपने ग्राम और परिवार का नाम रोशन किया है। उन्होंने अपने टैलेंट के दम पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी मल्टी टैलेंटेड पर्सनैलिटी के नाम से भी अपना नाम दर्ज किया था।
ममता शर्मा ने कहा कि परिश्रम और योग्यता से लगभग हर काम संभव है। महान काम शक्ति से नहीं लगन से होते हैं। जीवन में कभी भी हार मत मानो जब परिस्थितियां गड़बड़ हो, जैसा कि कई बार होती है। जिस राह पर हम चल रहे होते हैं, तो उस पर चढ़ाई ही चढ़ाई हो। जब आप मुस्कुराना चाहते हो, लेकिन आह निकलती हो। जब चिंता हमें नीचे धकेल रही हो, तब अगर हम आराम करना चाहते हैं तो करें। लेकिन कभी भी हार नहीं माने। जिंदगी के मोड़ और घुमाओ भी अजीब है, जैसा हम में से हर व्यक्ति बहुत बार सीखता है और कई असफलताएं पलट जाती है। सफलता, असफलता के भीतर छिपी होती है। शंका के बादलों की एक सफेद किनारी नजर आती है और हम कभी नहीं जान पाते कि हम कितने करीब है। इसलिए संघर्ष करते रहे। लेकिन कभी भी हार मत मानो। ममता शर्मा ने बताया कि अभी तक उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान जैसे कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, रियल सुपर वूमेन, वीरांगना, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अवार्ड, बेस्ट एजुकेशनल अचीवर ऑफ द ईयर अवार्ड, जगतगुरु श्री कृष्णा सम्मान, डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम इंटरनेशनल एजुकेटर्स अवार्ड, टीचर एक्सीलेंस अवार्ड, स्पोर्ट्स अकैडमी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एजुकेशन समिट ऑन द सेंचुरी ऑफ वूमेन एंपावरमेंट सर्टिफिकेट, स्कूली नेशनल अवार्ड, कोरोना वारियर सर्टिफिकेट समेत अन्य कई संगठनों द्वारा प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जा चुका है।
पिता धन सिंह शर्मा ने बताया कि ममता ने आत्मबल की शक्ति से असंभव को विपरीत परिस्थितियां होते हुए भी संभव बनाया है। उन्हें हमेशा आगे बढ़ने और आगे चलने इस दुनिया को बदलने की विघ्नों से ना घबराने की शिखरों का मान बदलने की सदैव सकारात्मक सोच बनाए रखने की प्रेरणा अपने माता-पिता, गुरुजनों, दोस्तों परिवार जनों से मिली है। वर्तमान में ममता शर्मा (अधिवक्ता) प्रेसिडेंट एंड प्रिंसिपल एम.आर.एस. पब्लिक स्कूल राम पार्क एक्सटेंशन, मानव अधिकार मिशन डी. वी. वाइस प्रेसिडेंट वूमेन प्रोटक्शन मेरठ, स्पेशल क्राइम ब्यूरो डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर गाजियाबाद, स्टूडेंट्स ओलिंपिक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, एग्जीक्यूटिव मेंबर उत्तर प्रदेश ग्लोबल लीडर्स फॉर्म, वर्किंग कमेटी मेंबर ऑल इंडिया एडवोकेट, चेयरमैन गाजियाबाद सपोर्ट फाउंडेशन, लीगल एडवाइजर एंड कन्वीनर शिक्षक कल्याण फाउंडेशन, एजुकेशनिस्ट, करियर काउंसलर, स्पीकर, लेखक है।