शहर में जगह - जगह लगे कूड़े के ढेर अधिकारी मौन
— Saturday, 13th February 2021नगर पालिका की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण बदतर हुई शहर की सफाई व्यवस्था के कारण नगरवासी परेशान हैं। दरअसल शहर के मुख्य मार्गों व गलियों पर पसरी गंदगी और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पालिका प्रशासन करोड़ो खर्च करने के बाद भी शहर को स्वच्छ रखने में नाकामयाब साबित हो रहा है।
हर महीने करोड़ों का खर्च, लंबी-चौड़ी सफाई कर्मचारियों की फौज और गंदगी का अंबार
11 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी, 76 ट्रैक्टर, घरों से कूड़ा इकट्ठा करने वाले 55 वाहनों के अलावा अन्य मैनपावर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके शहर में स्वच्छता अभियान को न केवल पलीता लगाया जा रहा है, बल्कि करोड़ो रुपये बर्बाद भी किए जा रहे हैं।
नगर पालिका की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण बदतर हुई शहर की सफाई व्यवस्था के कारण नगरवासी परेशान हैं। दरअसल शहर के मार्गों व गलियों पर पसरी गंदगी और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पालिका प्रशासन करोड़ो रूपये हर माह खर्च करने के बाद भी शहर को स्वच्छ रखने में नाकामयाब साबित हो रहा है। हद की बात तो ये है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में दो बार अव्वल रहने वाली नगर पालिका शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कितनी लापरवाही बरत रही है, इसकी बानगी आजकल देखने को मिल रही है।
बता दें कि नगर पालिका प्रशासन शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दम भरता है। लेकिन जब गली मोहल्लों में पसरी गंदगी को देखा जाता है तो मालूम पड़ता है कि नगर पालिका प्रशासन शहर में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है। शहर की साफ सफाई को लेकर नगर पालिका द्वारा इस समय 11 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी, 76 ट्रैक्टर, घरों से कूड़ा इकट्ठा करने वाले 55 वाहनों के अलावा अन्य मैनपावर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके शहर में स्वच्छता अभियान को न केवल पलीता लगाया जा रहा है, बल्कि करोड़ो रुपये बर्बाद भी किए जा रहे हैं। सफाई के नाम पर किया जा रहा है गोलमाल।
नगर पालिका के पूर्व सभासद आदेश कश्यप ने नगर पालिका प्रशासन पर शहर में सफाई व्यवस्था की बदहाली को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व सभासद ने आरोप लगाया कि नगर पालिका प्रशासन शहर की सफाई व्यवस्था पर करोड़ो रुपये हर माह पानी की तरह बहाता है लेकिन जब इसका परिणाम देखा जाता है तो वो शून्य नजर आता है। उन्होंने कहा कि शहर में सफाई के नाम पर करोड़ो का गबन और गोलमाल किया जा रहा है। इसकी शिकायत वे उच्च अधिकारियों को कर चुके हैं।
स्वच्छ भारत अभियान फेल साबित हो रहा है। मोहल्लों से कूड़े का उठान नहीं होने से बीमारियां बढ़ रही हैं। जबकि पालिका सफाई को लेकर संजीदा नहीं है। बताया जाता है कि नगर पालिका परिषद हर माह शहर को स्वच्छ बनाने के लिए दो करोड़ आठ लाख रुपये खर्च कर गुरु जी कम्पनी को दे रही है। इसके लिए नगर पालिका में बारह सौ से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं। इनमें सौ सफाई संविदा कर्मचारी नियमित हैं। हर महीने करोड़ों का खर्च, लंबी-चौड़ी सफाई कर्मचारियों की फौज और गंदगी का अंबार फिर भी लगा है। शहर में किसी भी सड़क पर निकल जाइए, कूड़े के ढेर और जलभराव से सामना होना ही है।गुरु जी कंपनी द्वारा प्रति वार्ड 12 से15 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। शहर में लक्ष्मी गार्डेन नाला मार्केट, बस स्टैंड,उत्तांचल कालोनी मार्ग,डीएलएफ,बेहटा नहर सड़क समेत तमाम स्थानों पर गंदगी और कूड़े का अंबार लगा है। ऐसे में समस्या बढ़ती जा रही है।जबकि सही समय पर वेतन न मिलने से पिछले दिनों पालिका में सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया था।
आस मोहम्मद,जिला महासचिव कांग्रेस :- लोनी में सफाई व्यवस्थ चरमराई हुई है।वार्डों में सफाई कर्मचारी कई कई दिनों में आते हैं।जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। सुस्त रफ्तार से चल रही नालों की सफाई पालिका की ओर से बरसात को देखते हुए नालों की सिल्ट सफाई का काम शुरू कराया गया है, लेकिन रफ्तार बेहद धीमी है। शहर में गंदगी बढ़ती जा रही है। पालिका शहर को स्वच्छ बनाने में फेल है। ऐसे में शहर में दिक्कत बढ़ रही है।
भावना विष्ट,आम आदमी पार्टी :- पलिका सफाई कर्मचारियों को लेकर गुरू जी कम्पनी जरा भी चिंतित नही है।सफाई कर्मचारियों के लिए ना कोई सुविधा दे रही है और ना ही उनको टाइम पर वेतन मिलता है।कोरोना योद्धा कहे जाने वाले सफाई कर्मचारी को अगर कुछ हो जाएगा तो कौन जिम्मेदार होगा। सफाई के नाम पर सिर्फ ठगी हो रही है।हर जगह कूड़े के ढेर लगे हैं।
शहर को स्वच्छ बनाने के लिए पालिका की ओर से कवायद नहीं की जा रही है। इसके चलते गंदगी बढ़ती चली जा रही है।एक स्थान से कुड़े को उठाकर दूसरे स्थान पर डाल दिया जाता है।
सिराज सैफी,पूर्व विधान सभा अध्यक्ष समाजवादी पार्टी
पालिका में आए दिन गुटबाजी के मामले सामने आते हैं, लेकिन विकास कोसों दूर है। शहर में बढ़ती गंदगी से सारे वादे झूठे साबित हो रहे हैं।