बागपत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार है भगवानपुर नांगल का गोरखनाथ आश्रम


- समाधि मंदिर में बड़े बाबा लच्छी नाथ जी और छोटे बाबा छोटेनाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आश्रम का भ्रमण कर चुके है उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी

- प्रचलित मान्यताओं के अनुसार आश्रम में सिद्ध संतो के समाधि स्थल, नवदुर्गा मंदिर और विशाल शनि शिला के दर्शनों और पूजन-पाठ से होता है श्रद्धालुओं की हर प्रकार की समस्याओं का समाधान 

बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
बागपत के भगवानपुर नांगल गांव में स्थित श्री गोरखनाथ आश्रम, खोखरा -  जनपद बागपत के प्राचीन और प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार है। इस स्थान को नाथ सम्प्रदाय के साधुओं का सिद्ध समाधि स्थल कहा जाता है। 17 से 18 बीघा में फैले इस आश्रम में बड़े बाबा लच्छी नाथ जी और छोटे बाबा छोटेनाथ जी का दिव्य और चमत्कारी समाधि मंदिर स्थित है, जहॉं पर बाबा के आशीर्वाद से आने वाले श्रद्धालुओं की समस्याओं का निराकरण होता है। इस आश्रम में एक भव्य नवदुर्गा मंदिर है, जहां पर सच्चे मन से आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना मातारानी पूर्ण करती है। आश्रम मे गोरखनाथ जी का अखण्ड़ धुना है। आश्रम में 1 बीघा में भव्य और विशाल सतसंग भवन बना हुआ है, जिसमें 700 से 800 लोगों की बैठने की व्यवस्था है। आश्रम के मुख्य महंत अर्जुननाथ जी महाराज है। अर्जुननाथ जी महाराज ने बताया कि आश्रम पर श्री गोरखनाथ जी की विशेष कृपा है। उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अपने व्यस्तम समय से समय निकालकर स्पेशल विजिट पर इस आश्रम में आकर बड़े बाबा लच्छी नाथ जी और छोटे बाबा छोटेनाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त कर चुके है। बताया कि आश्रम परिसर में विशाल शनि शिला है। ऐसी शनि शिला आसपास के क्षेत्र में नही है। इस स्थान पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शनिदेव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस आश्रम में द्वापर युग के कदम के पेड़ है। इस आश्रम में 150 वर्ष से अधिक पुराना केंदु का पेड़ है जो इस आश्रम में मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। मंदिर में अमृत सरोवर नामक एक विशाल सरोवर स्थित है। इस सरोवर में स्नान करने और शरीर पर इसकी मिटटी का लेप करने से चर्म रोग से पीड़ित मरीजों के रोग आश्चर्यजनक रूप से सही होते है। मंदिर परिसर में भगवान शिवजी, नवदुर्गा माता जी, हनुमान जी, भैरव जी, गौमाता, भूरा देव जी के मंदिर बने हुए है। आश्रम की मुख्य ब्रॉंच गौरखपुर में है। आश्रम में गुरूपूर्णिमा के पर्व पर मुख्य पूजा का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि अर्थात दशहरे पर विशाल भंड़ारे का आयोजन होता है और शारदीय नवरात्रों में नौ दिनों तक मातारानी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बताया कि आश्रम में सिद्ध साधु-संतो के अलावा राजनैतिक, प्रशासनिक, शैक्षिक, धार्मिक आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों का आना-जाना लगा रहता है।

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