महामारी: गंगा में पाए गए 40 से अधिक शवों, रिवाज या कुछ और, पूरा मामला क्या है जानिए।

बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में 40 से अधिक लाशों को देखकर लोग हैरान रह गए। सूचना मिलने के बाद जब मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने इन्हें देखा और प्रशासन को सूचित किया। वहां का नज़ारा परेशान करने वाला था।

चौसा प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार के अनुसार 30 से 40 शव गंगा नदी में मिले हैं। उनका दावा है कि ये शव उत्तर प्रदेश से आए हैं। चौक श्मशान में मौजूद लोगों का कहना है कि ये शव यहां से नहीं हैं। बक्सर के कलेक्टर अमन समीर ने कहा है कि हम यूपी के गाजीपुर और बलिया के प्रशासन के साथ मिलकर उनके क्षेत्रों के शवों का अंतिम संस्कार करने का प्रयास कर रहे हैं। बक्सर में बहने वाले शवों का भी पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पौराणिक महत्व के कारण शव को बहाया जाता है

बक्सर के चरित्र का पौराणिक महत्व है। अभी कोरोना के कारण लाशों को जलाने की जगह नहीं है। यही वजह है कि लोग शवों को आठ किलोमीटर दूर चौसा श्मशान में ला रहे हैं। इस घाट पर लकड़ी की कोई व्यवस्था नहीं है। नावें भी बंद हैं, इसलिए लोग इस तरह शवों को गंगा मइया में विसर्जित कर रहे हैं। जब नाव परिचालन में होती है, तो शवों को बीच नदी में एक घड़े में छोड़ दिया जाता है। यह परंपरा है। हालांकि, बक्सर जिला प्रशासन के चौसा घाट के पास जेसीबी मशीन द्वारा इन शवों को दफनाया और दफनाया गया है।

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