1875 में विरजानंद की प्रेरणा से दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी-दिनेश गोयल

गाजियाबाद,वीरवार,13/04/2023 को आर्य समाज मंदिर,पुराना गांधी नगर में गौरवमई  समाज सेवा के 72 वर्ष पूर्ण होनेपर महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसके मुख्य यज्ञमान वशिष्ठ अतिथि श्रीमती शिल्पा गर्ग एवं सुभाष गर्ग रहे।माता सत्यवती जी ने 72 वर्ष पूर्व यहां महिला आर्य समाज की स्थापना की थी।उस समय स्वामी विज्ञानानंद के ब्रह्मत्व में यज्ञ और प्रवचन से श्रद्धालु लाभान्वित होते थे।

मुख्य अतिथि के रुप में पधारे शिक्षाविद् दिनेश गोयल (एमएलसी उत्तर प्रदेश) ने तपस्विनी माताओं द्वारा स्थापित 72 वर्षीय मन्दिर के नवीनीकृत परिसर का लोकार्पण दीप प्रज्वलित कर किया।उन्होंने उपस्थित मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा की आर्य समाज हिन्दुस्तान की स्वतंत्रता का आंदोलन रहा है।उन्होंने बताया कि सन 1875 में विरजानंद की प्रेरणा से स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी।मैं समझता हूं कि आर्य समाज की टीम स्वामी दयानंद से प्रेरणा लेकर कार्य कर रही हैं।मैं उनका धन्यवाद करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं इस आर्य समाज से 4-5 वर्ष से जुड़ा हुआ हूं।संस्था के अधिकारियों ने नव निर्माण कार्य कराकर गरीब बच्चों को पढ़ाने का पुण्य कार्य किया है।उन्होंने आश्वस्त किया कि मैं आर्य समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर समय कार्य करने को तैयार हूं।उन्होंने मेधावी बच्चों को स्मृति चिन्ह एवं पुरस्कार प्रदान किए।
   
महामंत्री वेद व्यास ने कहा कि अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि हमारा लक्ष्य को मध्यनजर रखते हुए उन्होंने बताया कि हमारे यहां प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से निःशुल्क योग कक्षा योग शिक्षिका अल्का बाठला के सानिध्य में शुरू होती है।प्रातः 8:30 दैनिक यज्ञ होता है। 11 से 12 बजे तक कंप्यूटर ट्रेनिंग टैली प्रोफेशनल कोर्स जिसमें 3 महीने में बच्चा अकाउंट का मास्टर बन जाता है और रोजगार प्राप्त करता है।सायं 3 से 7 बजे तक विभिन्न कक्षाएं जिसमें निर्धन बच्चों को पढ़ाई- लिखाई,इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स एवं वीना भार्गव के सानिध्य में सिलाई सिखाई जाती है, सीखने के पश्चात छात्रा / महिला को उपहार स्वरूप सिलाई मशीन दी जाती है जिससे वह आत्म निर्भर हो सकें। शिक्षण कार्य में बैंक से रिटायर्ड सर्व श्री प्रमोद अग्रवाल,नरेश माथुर,रवि बब्बर, एवं अनिल अग्रवाल आदि इस कार्य में हमारे सहयोगी हैं।

मीडिया प्रभारी प्रवीण आर्य ने बताया कि जहां नारियों का सम्मान होता है,वहां देवताओं का वास होता है।इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए बैसाखी पर्व एवं स्थापना दिवस समारोह में बजुर्ग महिलाओं को वेद व्यास एवं सीमा व्यास ने चूनरी, माला पहनाकर तिलक कर सम्मानित किया और‌आशीर्वाद लिया ।

मधुर भजन-रमेश वर्मा,महाश्य सुरेन्द्र एवं मधु सूद,सिमरन गुप्ता, योग शिक्षिका अल्का बाठला, सुनीता अनेजा टीम ने ऋषि महिमा एवं योग गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। महर्षि दयानंद सरस्वती जी एवं‌ स्वामी श्रद्धानंद पर बहुत ही सुन्दर भजन प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर मुख्य रूप से तिलक राज सलूजा , संतोष गुप्ता, वेद प्रकाश वोहरा, प्रवीण आर्य, सुषमा -संजीव अबरोल, सत्य पाल आर्य,आशा आर्या, माता वेद भगत लगभग 250 से अधिक श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह से भाग लिया।

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