विकास प्राधिकरण अधिकारियों की दादागिरी बिना कार्रवाई के कागजों में निस्तारित कर देते हैं शिकायत

गाजियाबाद। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ आने वाली शिकायतों का पारदर्शिता से निस्तारण करने का  सख्त निर्देश दे रहे हैं। तो  दूसरी ओर  ग़ाज़ियाबाद जिले में सरकारी विभागों में बैठे जिम्मेदार अधिकारी सीएम के आदेशों को पलीता लगा कर  ठेंगा दिखा रहे हैं। हाल ही में  सरकारी, जीडीए  ग्रीन बेल्ट की भूमि पर दबंगो द्वारा किए गए कब्जे की शिकायत रितिक नामक युवक ने की थी। जीडीए ने प्रवर्तन जोन 5 में बीती   8 फरवरी को जीडीए तहसीलदार  दुर्गेश सिंह और सदर एसडीएम विनय सिंह व जीडीए व तहसील की टीम द्वारा   आधी अधूरी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर खानापूर्ति कर दी। 

जबकि दमंगों द्वारा सरकारी, जीडीए ग्रीन बेल्ट की भूमि पर कब्जा कर  कई दुकानें और प्लाट पर अवैध  पक्का निर्माण, और नामचीन रेस्टोरेंट, खड़ा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की। मजे की बात यह है कि सम्बंधित अधिकारी ने अपनी गर्दन बचाने के लिए शिकायत कर्ता की शिकायत को निस्तारित दिखा दिया। इस मामले में शिकायतकर्ता ने एक बार फिर मुख्यमंत्री से शिकायत कर दी। उसके बाद जीडीए  के उच्च अधिकारी ने  इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं साथ ही कहा है कि मामला सही पाए जाने पर सम्बंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।।

जीडीए के अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट लगाकर निस्तारण कर दिया। इसमें जो भी अधिकारी दोषी है जांच कर के उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर रहे हैं और शिकायतकर्ता पीड़ित को परेशान कर रहे हैं । शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से मांग की है कि सरकारी भूमि को अवैध कब्जा करने वाले भू माफिया को संरक्षण दे रहा है उसकी जांच करके शासन को लिखित में भेजी जाए ताकि उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही हो सके

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