आई टी एस संस्थान में "आत्म-अन्वेषण" विषय पर श्री पवन सिन्हा "गुरुजी" द्वारा एक विशेष चर्चा।

कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर के सरस्वती वंदना के साथ किया गया। आई टी एस संस्थान के चेयरमैन श्री आर पी चड्ढा जी ने आध्यात्मिक गुरु श्री पवन सिन्हा जी व उनकी धर्मपत्नी डा कविता अस्थाना जी का पुष्प अभिवादन द्वारा स्वागत किया ।

विशेष सत्र में अतिथि वक्ता श्री पवन सिन्हा जी ने छात्रों को बताया कि वो कैसे अपनी क्षमताओं को विकसित करके और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

गुरु जी ने कहा कि आत्म-अन्वेषण अपने भीतर झांकने की एक निरंतर प्रक्रिया है, कि मेरे लिए क्या मूल्यवान है,  क्या सही है और क्या सत्य है। इसका निर्णय आपको स्वयं ही करना होता  है। आत्म अन्वेषण से हमें स्वयं का मूल्य प्राप्त होता है।

गुरुजी ने आत्म-विश्वास, एकाग्रता  के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल करने  की छात्रों  को सलाह दी और प्रेरित किया।

कार्यक्रम के अंत में आई टी एस संस्थान के चेयरमैन श्री आर पी चड्ढा जी ने गुरुजी को सम्मानित किया और उनके द्वारा किए जा रहे विशेष सामाजिक आध्यात्मिक कार्यक्रमों की प्रशंसा की। इस दौरान सभी प्रतिभागी ने सत्र में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

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