
देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर गाजियाबाद में विचार गोष्ठी का आयोजन
— Saturday, 31st May 2025गीताांजलि वेलफेयर एजुकेशनल समिति के तत्वावधान में आज दिनांक 31 मई 2025 को परमहंस पब्लिक स्कूल, एम ब्लॉक, सेक्टर-23, संजय नगर, ग़ाज़ियाबाद में भारत की महान समाजसेविका एवं युगप्रेरणा देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस गरिमामयी कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन, उनके समाजोत्थान कार्यों और समकालीन समाज पर उनके प्रभाव पर विचार साझा किए।
मुख्य अतिथि श्रीमती मनीषा अहलावत, सदस्य, राज्य महिला आयोग, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा –
"देवी अहिल्याबाई होलकर जी का जीवन संपूर्ण नारी समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका न्यायप्रिय, सेवा-भाव और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किया गया कार्य आज भी प्रासंगिक है। ऐसे आयोजन आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास और संस्कारों से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।"
विशिष्ट अतिथि श्री प्रदीप चौधरी, महानगर मीडिया प्रभारी, भाजपा ने कहा –
"भारत के इतिहास में अहिल्याबाई होलकर जैसी महिलाओं का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने दिखा दिया कि नेतृत्व केवल सत्ता में नहीं, सेवा और समर्पण में होता है।"
डॉ. रिचा सूद, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं शिक्षाविद, ने कहा –
"अहिल्याबाई होलकर नारी शक्ति की प्रतीक थीं। शिक्षा, संस्कार और सेवा के क्षेत्र में उनके कार्यों को जानकर हम सभी प्रेरित होते हैं।"
श्री बालकिशन गुप्ता, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यापार मंडल, ने कहा –
"देवी अहिल्याबाई ने व्यापार, धर्म, और संस्कृति का अद्वितीय समन्वय प्रस्तुत किया। उनके आदर्श आज के व्यापार जगत के लिए भी अनुकरणीय हैं।"
श्रीमती विभा रावत, वरिष्ठ समाजसेवी, ने कहा –
"अहिल्याबाई होलकर की दूरदर्शिता और नेतृत्व ने न केवल महिला सशक्तिकरण को दिशा दी, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को न्याय और समानता की भावना से जोड़ा।"
श्रीमती बबली कसाना ने कहा –
"अहिल्याबाई होलकर की शिक्षाएं आज के समाज के लिए मार्गदर्शक हैं। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।"
पार्षद श्रीमती शीतल चौधरी ने कहा –
"देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन हमें सिखाता है कि सेवा और निष्ठा से किया गया कार्य समाज में अमिट छाप छोड़ता है। उनके विचार आज भी जनसेवा का मूल मंत्र हैं।"
कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती वंदना चौधरी, समाजसेविका, ने कहा –
"हमारा उद्देश्य केवल स्मरण नहीं, बल्कि देवी अहिल्याबाई के विचारों को व्यवहार में लाना है। युवा पीढ़ी को ऐसे व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।"
समिति की चेयरमैन श्रीमती रीता चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा –
"देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन मानवीय मूल्यों, परंपराओं और सामाजिक न्याय का प्रतीक है। हमें उनके जीवन से यह सीखना चाहिए कि एक सशक्त समाज के निर्माण में नारी की क्या भूमिका हो सकती है।"
समाजसेवी श्री वी. के. अग्रवाल ने कहा –
"अहिल्याबाई होलकर का कार्य सिर्फ एक रियासत तक सीमित नहीं था, उन्होंने सम्पूर्ण भारतवर्ष में धर्म, शिक्षा और समाज सुधार की अलख जगाई। हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।"
समाजसेवी श्री बी. के. हनुमान ने कहा –
"आज के समय में जब सामाजिक मूल्य बदल रहे हैं, ऐसे में अहिल्याबाई होलकर जैसे चरित्र हमें सच्चे नेतृत्व, सेवा और समर्पण की मिसाल देते हैं। उनके जीवन से जुड़ी प्रेरणाएं हर व्यक्ति के लिए उपयोगी हैं।"
वरिष्ठ नागरिक एवं समाजसेवी अरुण चौधरी भुल्लन ने कहा –
"अहिल्याबाई होलकर की कार्यशैली से यह स्पष्ट होता है कि सेवा और नारी नेतृत्व का अद्भुत समन्वय कैसे समाज को दिशा दे सकता है। आज उनके सिद्धांतों को अपनाना समय की आवश्यकता है।"
सामाजिक कार्यकर्ता सिमरन रंधावा ने कहा –
"महिलाओं की शिक्षा और सामाजिक भागीदारी को लेकर अहिल्याबाई होलकर का दृष्टिकोण बेहद प्रगतिशील था। हमें उनके आदर्शों को वर्तमान सामाजिक आंदोलन से जोड़ना चाहिए।"
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया और देवी अहिल्याबाई होलकर जी की स्मृति में एक प्रेरणात्मक प्रदर्शनी भी प्रस्तुत की गई, जिसमें उनके जीवन की प्रेरणादायक झलकियां दिखाई गईं।
कार्यक्रम के दौरान पार्षद राजू चौधरी, शिरोमणि त्यागी कौशल शर्मा राम गुप्ता एडवोकेट शबनम खान पंडित अशोक भारतीय आशु पंडित राजकुमार चौधरी सियाराम यादव बीपी गर्ग सहित सैकड़ो की संख्या में मातृशक्ति मौजूद रहे।
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