हार्टफुलनेस संस्थान की अंतर्राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में 120 विद्यार्थियों ने लिया भाग

पिलाना स्थित श्री नेहरू इंटर कॉलेज में गुरुवार को हार्टफुलनेस संस्थान की ओर से जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को कॉमनवेल्थ और हार्टफुलनेस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता की जानकारी दी गई तथा उन्हें सहज ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।

सत्र के दौरान हार्टफुलनेस संस्थान के प्रशिक्षक पारितोष मित्तल और योगेंद्र कुशवाहा ने विद्यार्थियों को बताया कि 14 से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली इस अंतर्राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने विचार पूरी दुनिया के सामने रख सकते हैं। यह प्रतियोगिता युवाओं को आत्मअभिव्यक्ति, लेखन कौशल और सृजनात्मक सोच का वैश्विक मंच उपलब्ध कराती है। प्रशिक्षकों ने छात्रों को समझाया कि नियमित अभ्यास और संतुलित दिनचर्या से पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखना आसान हो जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को ध्यान केंद्रित रखने, समय प्रबंधन करने और तनाव से दूर रहते हुए पढ़ाई करने के उपयोगी टिप्स भी साझा किए। ध्यान और आत्मअनुशासन ही सफलता की कुंजी है, और यदि युवा इसे जीवन में अपनाएँ तो वे शिक्षा के साथ-साथ अपने करियर और जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षाविद डॉ. सत्यवीर सिंह ने कहा कि ध्यान का नियमित अभ्यास न केवल पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाता है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति की राह प्रशस्त करता है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में भाग लेकर विद्यार्थियों को अपने विचार अभिव्यक्त करने का अवसर मिला है, जो उनके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास में मील का पत्थर साबित होगा। कॉलेज के कुल 120 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपनी कलम के माध्यम से समाज, शिक्षा और जीवन से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

युवा समागम सत्र को संबोधित करते हुए राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित उड़ान यूथ क्लब के अध्यक्ष व माय भारत मार्गदर्शक अमन कुमार ने छात्रों से आह्वान किया कि वे केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहकर समाचार पत्रों और स्थानीय संदर्भों से जुड़ें और सामाजिक बदलाव में अपनी भागीदारी निभाए। उन्होंने युवाओं को दिग्विजय दिवस की शुभकामनाएं दीं और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज कार्य में जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने पर बल दिया।

वहीं माय भारत स्वयंसेवक नीतीश भारद्वाज ने विद्यार्थियों को सतत सीखने और निरंतर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि युवा यदि अपनी जिज्ञासा को जीवित रखें और हर दिन कुछ नया सीखने का संकल्प लें तो वे न केवल अपनी व्यक्तिगत उन्नति करेंगे, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।

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