ईश्वर स्तुति क्यों और कैसे?" विषय पर गोष्ठी संपन्न

गाजियाबाद,शुक्रवार 12 मई 2023,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "ईश्वर स्तुति क्यों और कैसे? " विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया.यह कोरोना काल से 534 वाँ वेबिनार था।

वैदिक प्रवक्ता डॉ. नरेंद्र आहूजा विवेक ने कहा कि ईश्वर स्तुति करने से उसके गुण आपके भीतर आते हैं।यदि ईश्वर के गुणों को समाहित करना चाहते हों तो श्राद्ध भाव से उसका ध्यान करो। उन्होंने कहा की देव दयानन्द ने आर्य उद्देश्य रत्न माला में इनकी यौगिक परिभाषा देकर सभी भ्रान्तियों को दूर कर दिया है।स्तुति ईश्वर या अन्य किसी भी पदार्थ या व्यक्ति का जैसा गुण कर्म स्वभाव हो वैसा जानना, मानना,कहना और जिन गुणों को धारण कर सकते हैं उन्हें धारण करना।जैसे ईश्वर न्यायकर्ता है हम भी जीवन में सभी से न्याय पूर्वक व्यवहार किया करें।ईश्वर दयालु हैं क्या हम अन्य प्राणियों व्यक्तियों पर दया करते हैं।साथ ही उन्होंने पूछा ईश्वर पालन कर्ता हैं हमने जीवन में कितने निर्बल धर्मात्माओं का पालन किया। स्तुति से मन में आद्रता तरलता, गुणों की ग्राहयता,अहंकार अभिमान के भाव का खत्म होना और उन गुणों को धारण कर पाना स्तुति के मनुष्यों को होने वाले लाभ हैं।प्रार्थना की परिभाषा देते हुए उन्होंने कहा कि अपने पूर्ण पुरुषार्थ के उपरान्त किसी भी सामाजिक सर्वहितकारी यज्ञ परोपकार के कार्य में सफलता के लिए ईश्वर से कामना याचना करना प्रार्थना कहलाता है। उपासना में अपने उपास्य आनन्द स्वरूप परमात्मा के आनन्द में निमग्न होकर अपनी आत्मा का आनन्द प्राप्त करना उपासना कहलाता हैं।

मुख्य अतिथि आर्य नेत्री रजनी गर्ग व अध्यक्ष राज श्री यादव ने भीतरी ईश्वर के स्वरूप पर प्रकाश डाला।केंद्रीय आर्य युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

गायिका पिंकी आर्या, प्रवीना  ठक्कर,कमलेश चांदना,  ईश्वर देवी, कमला हंस, वीरेन्द्र कुमार, अंजू आहूजा,प्रतिभा खुराना, कुसुम भंडारी, जनक अरोड़ा आदि के मधुर भजन हुए।

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