
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के युवा संस्कार अभियान का शुभारंभ
— Sunday, 3rd August 2025*यज्ञोपवीत आर्य संस्कृति का प्रतीक है-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*
*माता,पिता व गुरु ऋण से उऋण होने का संदेश देता है-ओमपाल शास्त्री*
*चरित्र निर्माण राष्ट्र की सबसे बड़ी आवश्यकता-ओमेन्द्र आर्य*
गाजियाबाद,रविवार,3 अगस्त 2025,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के 15 दिवसीय "युवा संस्कार अभियान" का शुभारंभ आर्य समाज समर्पण शोध संस्थान के तत्वावधान में वृन्दावन ग्रीन सोसाइटी साहिबाबाद में हुआ।श्रावणी पर्व के उपलक्ष्य में सामवेद यज्ञ,एकता और आध्यात्मिक उन्नति का पर्व यज्ञोपवीत संस्कार समारोह का आयोजन में 101 युवकों,युवतिओं एवं श्रद्धालुओं ने दुर्व्यसन त्यागने की प्रतिज्ञा ली और संकल्प लिया कि माता पिता गुरु जनों का सम्मान करेंगे।यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य ओम पाल शास्त्री ने यज्ञ करवाया और यज्ञोपवीत धारण करवाया आज के मुख्य यज्ञमान श्रीमती अमिता आर्या एवं श्री देवेन्द्र आर्य तथा आभा मिश्रा एवं सुमन मिश्रा रहे।
ओमपाल शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यज्ञोपवीत हमारी पुरातन आर्य संस्कृति का प्रतीक हैं इसकी रक्षा के लिए वीर हकीकत राय ने अपना बलिदान दे दिया था परन्तु हिन्दू धर्म नहीं छोड़ा।यज्ञोपवीत के तीन तार माता,पिता व गुरु जनों के ऋण को स्मरण कराते रहते हैं हमे इनके उपकारों को याद रखते हुए उनका आदर व सम्मान करना चाहिए।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.अनिल आर्य ने कहा कि यज्ञोपवीत आर्य संस्कृति की पहचान है इस पर हमें गर्व होना चाहिए।उन्होंने कहा कि व्यक्ति का निज जीवन समाज के लिए आदर्श होना चाहिए आपके जीवन को देखकर ही व्यक्ति आप के अनुगामी बनेंगे उपनयन का अर्थ है समीपता को प्राप्त करना आचार्य की सामिप्यता को प्राप्त करके बालक अपने जीवन को समुन्नत करता है।शिक्षा व्यक्ति को काम करने में समर्थ बनाती है।उपनयन संस्कार मानव निर्माण की आधार शिला है।यज्ञोपवीत के तीन धागे स्व जीवन को समुन्नत बनाना तथा राष्ट्र के लिए भावी संतति को समुन्नत बनाकर देने के व्रत के प्रतीक हैं।प्रत्येक भारतीय का यह संस्कार होना चाहिए।
गायक मास्टर विजेंद्र आर्य ने गीतों के माध्यम से ईश्वर भक्ति एवं ऋषि महिमा गुणगान किया।
विशिष्ट अतिथि प्रवीण आर्य (प्रांतीय अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उ प्र) ने कहा कि हिंदू समाज संगठित हो तभी समाज सुरक्षित रह सकता है। *चरित्रवान युवा ही राष्ट्र विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकते हैं* क्योंकि चारित्रिक बल ही सबसे बड़ा बल होता है।
आर्य बंधु ओमेन्द्र आर्य ने कहा कि युवकों को जीवन में समयबद्धता,अनुशासन माता पिता के आज्ञाकारी,आत्मविश्वास, संकल्पवान और देशभक्त होना चाहिए।ऐसे देशभक्त युवकों का परिषद निर्माण करती है।चरित्र निर्माण राष्ट्र की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
आर्य बंधु देवेन्द्र आर्य ने कहा कि आर्य समाज बच्चों को चरित्र वान व धार्मिक,देश भक्त बनाने का कार्य करता है।हम सनातन की लो को आगे बढ़ते रहें।उन्होंने समारोह में दूर दूर से पधारे श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।
समारोह का कुशल संचालन सुरेश आर्य ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री प्रमोद चौधरी,के के यादव,राम पाल चौहान, विजेन्द्र आर्य,राज कुमार आर्य,कमल कपूर, विक्रांत आर्य,डा प्रमोद सक्सेना, भूपेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
युवा संस्कार अभियान का समापन रविवार,17 अगस्त को सन्यास आश्रम गाजियाबाद में होगा।आर्य समाज के 150 वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में 150 स्थानों पर कार्यक्रम करने का लक्ष्य रखा गया है।
शांतिपाठ एवं अल्पाहार वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।