गाज़ियाबाद में सन 1978 में आई बाढ़ का यदि आधा पानी भी हिंडन में आ गया तो आधा गाज़ियाबाद डूब जाएगा

जीवन के लिए वर्षा की जरूरत है, और जब भी वर्षा होती है अधिकांश शहरों में जलभराव होता ही है | इसके लिए बारिश दोषी नहीं है क्योंकि बेशक मौसम विभाग अपने गलत रिकॉर्ड के आधार पर 41 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा हुआ बता रहा हो लेकिन सत्य यह  है कि आज से 25 साल पहले तक हर वर्ष 10 से 15 दिन तक सूरज दिखाई नहीं पड़ता था, वर्षा होती रहती थी लेकिन जलभराव बहुत कम जगह पर होता था, बाढ़ आती थी लेकिन जनहानि धन हानि कम होती थी लेकिन पिछले 25 साल में बढ़ती जनसंख्या एवं बढ़ते शहरीकरण के कारण तथा  शहरी विकास प्राधिकरणों के निकम्मेपन के कारण  व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण, बढ़ती आवास की समस्याओं को देखते हुए भू माफियाओं और बिल्डर ने बिना किसी प्लानिंग के कॉलोनी बनानी शुरू कर दी, पानी की निकासी के लिए रास्ते नहीं छोड़े, जिसके कारण वर्षा होने पर तेजी से जल निकासी नहीं हो पाती |

 सबसे खतरनाक बात यह है कि जहां नदियां शहर के नजदीक से गुजर रही थी, वह नदियां अब  शहर के बीचो-बीच आ गई,लेकिन भू माफियाओं एवं सरकारी तंत्र की मिलीभगत के कारण नदियों के डूब क्षेत्र में घनी बस्तियां बस गईं  और नदी का पाट कम हो गया  साथ ही इन अनाधिकृत बस्तियों में जल निकासी के लिए नाले और नालियों कि जगह नहीं बची उसका ही नतीजा है कि थोड़ी सी बारिश में शहरों  में जलभराव हो जाता है |जबकि नदियों के किनारे बसे शहरों में तो जलभराव होना ही नहीं चाहिए |

यही कहानी पहाड़ी इलाके की है वहां भी नदियों के किनारे आवास और होटल की भरमार हो गई है, नदियों के पाट घेर  दिए गए, इसलिए जब भी तेज बारिश होती है ,जो होनी ही चाहिए, नदियां उफान पर आ जाती हैं | किनारे पर बने मकान व सड़कों को ढहा देती हैं,  फिर “हाय तोबा” होती है, जन हानि होती है, सरकारी तंत्र को भ्रष्टाचार करने के लिए आसानी से धन उपलब्ध हो जाता है, मीडिया को चटकारे वाली खबरें छापने व दिखाने का मौका मिलता है और कार्यवाही वही “ढाक के तीन पात” वर्षा  कभी सुविधा के अनुसार नहीं होगी, जरूरत है अतिक्रमण पर सरकारी विभागों की जवाबदेही, मुझे याद नहीं आ रहा कभी अतिक्रमण के होने के कारण जलभराव पर किसी भी सरकार ने भू माफियाओं और जवाब देह  सरकारी अधिकारियों पर कार्यवाही की हो या कोई सबक सीखा हो |

@सन 1978 में गाजियाबाद में हिंडन नदी में बाढ़ आई थी, अगर 1978 के मुकाबले आधा  पानी भी हिंडन में आ गया, तो आधा गाजियाबाद डूब जाएगा@, क्योंकि हिंडन नदी का पाट  भू माफियाओं की भेंट चढ़ चुका है, हिंडन नदी एक नाले में तब्दील हो गई है, 

इस नदी में अब बाढ़ के पानी को झेलने कि क्षमता नहीं बची अगर बाढ़ का पानी आएगा तो पानी निकलने के लिए बहुत कम जगह बचेगी लिहाज गाज़ियाबाद डूबेगा |

भगवान ना करे ऐसा हो लेकिन जनता को पानी में डूबने के लिए तैयारी  करनी चाहिए क्योंकि शासन- प्रशासन तो डूबने के बाद आते हैं| 
 पहाड़ों पर बारिश हो रही है यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है निश्चित रूप से हिंडन नदी का भी जलस्तर बढ़ेगा और गाजियाबाद में भयानक बाढ़ आ सकती  है, प्रशासन को समय रहते चेतना चाहिए |

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