
हेल्थ बजट जीडीपी का 5% व टोटल बजट का 8 % होना ज़रूरी
— Thursday, 1st February 2024हेल्थ बजट जीडीपी का 5% व टोटल बजट का 8 % होना ज़रूरी !
डॉबीपीएस त्यागी
स्वास्थ्य प्रभारी रास्ट्रवादी जनसत्ता दल ।
हेल्थ इंस्ट्रूमेंट जो बाहर से आते है या तो उनको भारत में बनवाया जाए या उन पर कस्टम ड्यूटी कम हो ।
इमरजेंसी ड्रग्स पर जीएसटी हटाया जाये ।
एडिप स्कीम में डीआरडीओ का बनाया हुआ कोचलीयर इंप्लांट जिसकी क़ीमत 8000/- है । टीबी को अगर 2025 तक ख़त्म करना है तो उनको हर टैक्स से फ्री किया जाये । भारत में बेड और डॉक्टरों की बहुत कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में 1000 लोगों पर अस्पतालों में सिर्फ 0.5 बेड उपलब्ध हैं. यहां 143 करोड़ लोगों के लिए सिर्फ 1.25 लाख आईसीयू बेड हैं. डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या भी वैश्विक मानकों से बहुत कम है. १००० की जन संख्या पर WHO के हिसाब से एक एमबीबीएस डॉक्टर व तीन स्टाफ नर्स होनी चाहिए , लेकिन हमारे राज्य में इसके विपरीत 17500 की जनसंख्या पर १ एमबीबीएस डॉक्टर व १० स्टाफ नर्स है । फाइनेंस कमीशन के हिसाब से टोटल बजट का 8% हेल्थ पर खर्च होना चाहिए लेकिन 3.5 % ही दिया जाता है । उसमे भी नीचे से ऊपर तक सुविधा शुल्क के चलते 3.5 % भी खर्च नहीं हो पाता है ।आयुष्मान कार्ड बनाने व उसका भुगतान करने में भी सुविधा शुल्क बीच में आ जाती है ।इस लिहाज से अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य का बजट बढ़ाया जाए.