देश में रहने वाला हर इंसान मेरे परिवार का हिस्सा- दीपक यादव

- जाति-धर्म, ऊंच-नीच, छोटे-बड़े के आधार पर भेदभाव करने वाले इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन

- देश 138 करोड़ लोगों के भोजन की व्यवस्था करने वाले किसानों की मांगे सरकार अविलम्ब पूरी करे

प्रसिद्ध समाजसेवी और हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक माने जाने वाले दीपक यादव आज बागपत के विभिन्न गांवो में पहुंचे और किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश के 138 करोड़ लोगों के भोजन की व्यवस्था करने वाले किसान अपने हितों की रक्षा के लिये कई महीनों से खुले आकाश के नीचे शांतिपूवर्क धरना-प्रदर्शन कर रहे है। 
सर्दी, बारीश, धूप, गर्मी से जूझ रहे है। आज का किसान पढ़ा-लिखा है, वह जानता है कि उनके और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिये क्या सही है और क्या गलत है। किसान जमीन से जुड़ा व्यक्ति है और देश के लिये अपना पसीना बहाता है। किसान हमारे लिये भगवान से कम नही है। 
कहा कि किसान विरोधी कानून तुरन्त वापस लिये जाये और किसानों के साथ बैठकर, उनकी राय लेकर किसानों और उनकी आने वाली पीढ़ियों के हित में कानून बनाये जाये। 
कहा कि जाति-धर्म, ऊंच-नीच, छोटे-बड़े के आधार पर भेदभाव करने वाले इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन है। देश को आजाद कराने में हर धर्म के लोगो ने कुर्बानियाॅं दी है, जिनको कभी भी भुलाया नही जा सकता, यह देश सबका है। 
कहा कि देश में रहने वाला हर मजहब का इंसान मेरे परिवार का हिस्सा है। उन्होंने कोरोना महामारी को विश्व का सबसे बड़ा संकट बताया और सभी से मास्क पहनने, हाथों को बार-बार धोने, एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाये रखने और सभी से कोरोना का टीका लगवाने को कहा।

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