चौधरी चरण सिंह जी की 122वीं जयंती पर भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन
— Tuesday, 24th December 2024मैं झुग्गी झोपड़ पट्टी का चारण हूँ
मैला ढोने वालों का उच्चारण हूँ
आँसू का अग्निगन्धा सम्बोधन हूँ
भूखे मरे किसानों का उद्बोधन हूँ
संवादों के देवालय को सब्जी मंडी बना दिया
संसद में केवल कोलाहल शोर सुनाई देता है।
डॉक्टर हरिओम पवार
गाजियाबाद, चिरंजीव विहार स्थित चांसलर क्लब में चौधरी चरण सिंह जी की 122वीं जयंती के अवसर पर भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को प्रोत्साहित करते हुए देश के प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
कार्यक्रम के संयोजक अजेंद्र चौधरी, प्रवेंद्र चौधरी, सेंसर पाल, अजय शर्मा के साथ स्वागत अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने सभी अतिथियों एवं कवियों का स्वागत अभिनंदन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चौधरी सुखबीर सिंह ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया, पूर्व महापौर आशु वर्मा, कृष्णबीर चौधरी, मयंक गोयल, एडीएम गंभीर सिंह , जीएसटी कमिश्नर ज्वाइंट अरुण सिंह और के डी त्यागी उपस्थित रहे। इसके अलावा, भी कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल हुए।
मंच कवियों को सौंपने के उपरांत मंच का संचालन हरिओम पवार ने स्वयं किया। आमंत्रित कवियों में डॉ. हरिओम पवार, शंभू शिखर, मोहन मुनतजर, सुमनेश सुमन , तेज नारायण बेचैन और खुशबू शर्मा ने अपनी प्रभावशाली कविताओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवियों ने देशभक्ति, सामाजिक जागरूकता और प्रेरणा से भरपूर रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिन पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाईं।
चौधरी चरण सिंह की 122 वीं जयंती पर कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि सत्येंद्र सिसोदिया ने अपने संबोधन में कहा, "चौधरी चरण सिंह जी ने अपने पूरे जीवन में किसानों और समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कार्य किया। ऐसे आयोजन उनकी विचारधारा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम हैं।"
गाजियाबाद के पूर्व महापौर आशु वर्मा ने कहा, "चौधरी चरण सिंह जी भारतीय राजनीति में ईमानदारी, सादगी और किसानों के प्रति समर्पण का प्रतीक थे। उनकी विचारधारा आज भी हमें ग्रामीण भारत के विकास और समानता आधारित समाज निर्माण के लिए प्रेरित करती है। इस कवि सम्मेलन के माध्यम से हम उनकी स्मृतियों को सजीव रखने का प्रयास कर रहे हैं।"
कार्यक्रम के दौरान मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन ने साहित्य और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।